नवरात्रि के नवमी तिथि के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विशेष महत्व है. मां सिद्धिदात्री सिद्धि और मोक्ष की देवी मानी जाती हैं. माता का ये रूप बहुत ही शक्तिशाली है.
कहा जाता है कि दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से मुक्ति के लिए सभी देवतागणम भगवान शिव और भगवान विष्णु के शरण में गए. तभी वहां मौजूद सभी देवतागण से एक तेज उत्पन्न हुआ और उस तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ जो देवी सिद्धिदात्री कहलाईं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियां प्राप्त की थी. माता की ही कृपा से वो अर्धनारीश्वर कहलाए. मां के इस रूप की पूजा करने से यश, बल और धन की प्राप्ति होती है